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लखनऊ के इस Hospital ने तोड़ी इंसानियत की सारी हदें , किया कुछ ऐसा काम

लखनऊ के इस Hospital ने तोड़ी इंसानियत की सारी हदें , किया कुछ ऐसा काम

 

लखनऊ के एक अस्पताल ने मान्यता प्राप्त करने के लिए इंसानियत को तार तार कर दिया, अस्पताल ने जरूरी मरीजों (Minimum मरीज़) की मानक संख्या दिखाने के लिए चौराहे से गरीब मजदूरों को काम के बहाने बुलाया और फिर उनको बिहोशि का injection देकर उनको बंधक बना लिया.

ये है अस्पताल का नाम -

ये हरकत करने वाला दुबग्गा का डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल है जिसको अब प्रशासन सील करेगा। खुलासा होने के बाद अस्पताल के ज्वाइन्ट डायरेक्टर व अन्य कर्मचारियों पर ठाकुरगंज थाने में FIR दर्ज कर ली है। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल को सील करने की संस्तुति की है।

ये है पूरा मामला -

ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में एमसी सक्सेना ग्रुप ऑफ कॉलेज है। दुबग्गा में इससे संबद्ध डॉ. आरआर सिन्हा मेमोरियल हॉस्पिटल-कॉलेज की गाड़ी सुबह आठ बजे डाला इंजीनियरिंग कॉलेज के निकट स्थित मजदूरों की मंडी पहुंची। यहां मजदूरों को काम दिलाने की बात कही गई। मजदूरों ने काम का प्रकार पूछा तो कर्मचारियों ने कहा कि कोई काम नहीं है। तीन वक्त का खाना मिलेगा। सिर्फ बेड पर लेटना है। शाम को 500 रुपये मजदूरी मिलेगी। यह सुनकर करीब 250 मजदूर तैयार हो गएं। मजदूरों का आरोप है कि डॉक्टरों ने कहा कि इंजेक्शन लगवाना पड़ेगा। बेवजह के इलाज से मजदूर घबरा गए। सेहतमंद मजदूरों को बीमार बनाकर इंजेक्शन लगा दिए। बिना बीमारी के इलाज करने पर मजदूर भड़क उठे। मजदूरों ने कहा कि हमें तो यह कहा गया मजूदरों ने भागने की कोशिश की। तो कर्मचारियों ने मुख्य गेट बंद कर दिया। मजदूर बंधक बना लिए गए। 13 से अधिक मजदूरों को पुलिस की देखरेख में संयुक्त चिकित्सालय में मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया।

इंजेक्शन लगाते ही छा गई बेहोशी -

लखीमपुर खीरी के मैगलगंज निवासी अवध बिहारी ने बताया कि हम लोगों को एक बड़े कमरे में ले गए। बेड पर लेटने को कहा। कुछ देर में खाने के लिए दलिया आ गई। उसे खाने के बाद हम लोग बेड पर लेट गए थे। कुछ ही देर में सफेद कोट में कुछ लोग आए। उन्होंने मजदूरों के हाथों में वीगो लगाना शुरू कर दिया। सुई भी लगाई। जिससे कुछ मजदूरों के हाथों से खून आने लगा। निशातगंज निवासी दीपक ने बताया कि रोजी रोटी की तलाश में हम लोग मजदूरी करते हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने हमारी जान से खिलवाड़ किया।

एक मजदूर भाग निकला तो खुलासा हुआ -

सीतापुर निवासी अंशू नामक मजदूर करीब तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहा। उसने पुलिस को इस मामले की सूचना दी तो सब हैरान रह गये। ठाकुरगंज समेत कई थानों की पुलिस शाम करीब चार बजे मौके पर पहुंची। हॉस्पिटल से मजदूरों को रिहा कराया। डिप्टी सीएमओ डॉ. एपी सिंह व डॉ. केडी मिश्रा भी अस्पताल पहुंचे। पूरी जानकारी जुटाई।

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