Supreme Court Order on POCSO Act
सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के विवादित फैसले पर लगाई रोक।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 12 वर्ष की नाबालिक के साथ हुए अपराध के मामले में सुनवाई करते हुए एक आदेश पारित किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वक्षस्थल/ ब्रेस्ट को छूना पाक्सो एक्ट के अंतर्गत यौन हमला नहीं है जब तक की इसमें गंदी मंशा के साथ स्किन टू स्किन टच ना हो। इसमें पाक्सो का प्रावधान लागू नहीं होगा हालांकि इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 354 लगेगी।
क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
उक्त फैसले के विरुद्ध यूथ बार एसोसिएशन में बॉम्बे हाईकोर्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने उक्त फैसले पर रोक लगाकर स्टे कर दिया है।
कई सामाजिक संगठनों ने इस तरह के फैसले को हास्यास्पद बताया है।
क्या पड़ता असर?
यदि इस फैसले पर रोक न लगाई जाती तो यह अन्य निचली अदालतों के लिये एक नजीर के तौर पर कार्य करता और इससे सम्भावना थी कि लोग इस तरह के कृत्यों में मुकदमा दर्ज भी न कराते।
अंकित कुमार यादव बडगौ,अमहरा, थाना मानिकपुर
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