UGC Guidelines for Conduct of Examination
लखनऊ। कल शाम आइ UGC guidelines के बाद अब final year छात्रों के बीच असमंजस की स्तिथि बनी हुई है। अब को ये बता दे की परीक्षा सिर्फ़ Final year के छात्रों की ही होगी बाक़ी सभी Semester के छात्रों को प्रमोट करने का फ़ैसला किया जा चुका है, अब किस हिसाब से प्रमोट किया जाएगा इसपर फ़ैसला आना बचा है।
UGC ने यूनिवर्सिटी में अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने को हरी झंडी दे दी है। UGC का मनना है कि ये एक ज़रूरी फ़ैसला है।
इसके बाद राजधानी की कई यूनिवर्सिटी शासन के निर्देश के इंतजार कर रही है और कुछ परीक्षा के लिए तैयार भी हैं।
हालांकि, इसके लिए छात्रों को कौन समझाएगा करेगा,
यह एक बड़ा सवाल है जिससे सभी यूनिवर्सिटी परेशान है, कोरोना के बीच विश्वविद्यालयों में कहीं धीमी तो कहीं तेज गति से परीक्षा का काम पहले से भी चल रहा था। मगर सरकार के आदेश के बाद सभी परिक्षाए रद कर दी गई थी। कड़े विरोध और social media के साथ से छात्रों ने परीक्षाओं का पूर ज़ोर विरोध किया था। छात्रों का कहना था की करोना संकट के बीच वे अपनी जान का ख़तरा लेके exam नहीं देंगै। कई छात्रों ने BoycottExam का भी नारा दिया था। लविवि में इसके लिए धरना, विरोध-प्रदर्शन हुआ तो एकेटीयू व पुनर्वास विवि के छात्र सोशल साइट पर इसके खिलाफ अभियान छेड़े थे। अब सिर्फ राहत यह है कि यूजीसी ने परीक्षाएं सितंबर में कराने की बात कही है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण होगा कि प्रदेश सरकार क्या निर्णय लेती है और छात्र उसे कितना स्वीकारते हैं।
अब देखने वाली बात रहेगी की UGC के फ़ैसले का यूपी में क्या असर होता है और छात्र इसपर क्या प्रतिक्रिया देते है
क्या कहना है छात्रों का
छात्रों का कहना है की कई छात्र दूर-दूर से आकर लखनऊ में पढ़ते हैं। आएसे में -
- दो महीने में स्थिति सामान्य होगी, इसकी क्या गारंटी है?
- परीक्षा के बाद विद्यार्थी घर वापस कैसे जाएंगे?
- लखनऊ में उनके रहने और खाने की व्यवस्था कैसे होगी?
- विद्यार्थियों के जीवन को संकट में डालकर परीक्षा कराने कितना सही है?
इन बिंदुओं पर सोचा ही नहीं गया।
यूनिवर्सिटी ने पूरी कर रखी है तैयारी
लखनऊ विवि तो सात जुलाई से पेपर भी कराने जा रहा था। परीक्षा केंद्र और कार्यक्रम जारी किया जा चुका है।
वहीं, एकेटीयू में भी तैयारियां लगभग पूरी थीं, किंतु जब छात्रों को प्रमोट करने की बात चली तो उसने सेंटर आदि घोषित नहीं किए।
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि में भी परीक्षा फॉर्म भरे जा रहे हैं और अगस्त में परीक्षा है। इसके विपरीत लगभग सभी विवि के छात्र कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण परीक्षा का विरोध कर रहे थे।
बीबीएयू भी रिव्यू करेगा अपना निर्णयरू राजधानी में एकमात्र बीबीएयू ने ही यूजीसी की पूर्व की गाइडलाइन अनुसार विद्यार्थियों को प्रमोट करने का निर्णय लिया था। साथ ही कहा था कि अगर यूजीसी कोई और निर्देश देता है तो उसका भी अनुपालन होगा।
देखने वाली बात रहेगी की आख़िर योगी सरकार क्या फ़ैसला लेती है, साथ ही फ़ैसला कितने जल्दी लिया जाता है क्यूँकि इससे अब छात्रों के मानसिक स्तिथि पर भी प्रभाव पढ़ रहा है
Lko unviresity ko exam agar conduct krwana h toh July mei hi krwa le coz B.Ed final year students pareshan h ki agar koi vacancy aa jati h toh wo result na aane ke karan eligible nhi honge.. Or result late ki wajah se teacher vacancy b late aati h toh ye b sahi nhi h students ke sath. Jo krna h unviresity ko jaldi kre. 2 years k course 2&1/2 years mei na badal de. Aise b students hote h jinki age job pane ke liye borderline pr h or wo ctet uptet pass h, aise b students h jinki family economically weak ho gyi h pandamic ke karan or unhe job chaiye..
ReplyDeleteKoi mujhe ye btayega ki exams sirf final term k hi honge ye sabhi k plz
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