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Reason why Situation is turning worst in Lucknow

Reason why Situation is turning worst in Lucknow


राजधानी लखनऊ में बिना लक्षण वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि कौन पॉजिटिव है कौन नहीं। मेडिकल टीमों को Contact ट्रेसिंग करने में बहुत दिक़्क़त हो रही है, साथ ही ये पता लगाना की आख़िर virus एक परिवार में कहाँ से आ रहा है। लखनऊ में बिना लक्षण वाले मरीज अब सुपर स्प्रेडर बन गए हैं। इनसे विभिन्न इलाकों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है। स्वास्थ्य विभाग इसे रोकने में नाकाम है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। राजधानी में पॉजिटिव मरीजों की संख्या करीब 3000 के आसपास पहुंच गई है। जुलाई में कई दिनों से डेढ़ सौ के आसपास मरीज मिल रहे हैं।




11 जुलाई को 159, 
12 को 161, 
13 को 196 और 
14 को 152 मरीज मिले। 

स्वास्थ्य विभाग ने रीसर्च में पाया की इन तिथियों में मिले तमाम मरीज एक ही परिवार के हैं। परिवार के जिस व्यक्ति से घर में वायरस आया उसमें भी किसी तरह के लक्षण नहीं थे और घर में नियमित तौर पर रहने वालों की जांच की गई तो उनमें भी लक्षण नहीं पाए गए, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। चार दिन के इस ग्राफ ने स्वास्थ्य विभाग की चुनौती बढ़ा दी है, क्योंकि अब वायरस की चेन तय कर पाना कठिन होता जा रहा है।

केस-1

गोमती नगर के विपुल खंड निवासी ठेकेदार में किसी तरह के लक्षण नहीं थे। परिवार में वही आमतौर पर बाहर निकलते थे। लेकिन जब जांच हुई तो ठेकेदार सहित उनके परिवार के 14 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।




केस-2
जॉपलिंग मार्ग निवासी गैरेज चलाने वाले के परिवार के भी ज्यादातर लोग घर में ही रहते थे। सिर्फ  गैरेज संचालक ही बाहर निकलता था। गहरा संचालक के पॉजिटिव आने के बाद उसके परिवार की जांच  हुई तो 17 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

एक ही परिवार के 10 से अधिक लोगों के पॉजिटिव होने से स्थितियां गंभीर हो गई हैं। क्योंकि इनके जरिये तमाम लोगों तक वायरस पहुंच जा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हालांकि टीम नियंत्रण की दिशा में लगातार प्रयासरत है।

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