क्या आपके पास भी एसा कोई message आया है?
ये ख़बर आज अमर उजाला ने निकाली है जिसके बाद पूरे Testing और प्रशाशन पर ही सवाल उठ खड़े हुए है।
राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में जांच रिपोर्ट दो से तीन दिन में मिल पा रही है। इसी बीच फ्लाइट से यात्रा के दो-तीन माह बाद भी जिन लोगों ने अभी तक कोविड-19 की जांच नहीं कराई है, उनके मोबाइल पर भी मैसेज भेजकर बताया जा रहा है कि आपकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है।
केस -1
लखनऊ निवासी शशांक पुणे में रहते हैं। 24 मई को वह फ्लाइट से राजधानी लौटे। एयरपोर्ट पर उनकी जांच नहीं हुई। उन्हें 14 दिन क्वारंटीन रहने को कहा गया। 18 जुलाई को उनके पास मैसेज आया कि आपकी रिपोर्ट निगेटिव है। मैसेज में सैंपल की तिथि 17 अप्रैल और रिपोर्ट की तिथि 18 अप्रैल, लैब का नाम केजीएमयू, केस आईडी एलयूसी 00565976 दर्ज है।
केस-2
राजधानी निवासी अदिति 24 मई को पुणे से लौटी थीं। उनके पास आए मैसेज में सैंपल की तिथि 12 मई, रिपोर्ट की तिथि 13 मई, लैब एसजीपीजीआई और केस आईडी एलयूसी 00565979 लिखी गई है। जबकि अदिति का कहना है कि उन्होंने अभी तक एक बार भी कोरोना जांच नहीं कराई है।
केस-3
राजधानी निवासी अनुराधा दुबे 8 मार्च को दुबई से लौटी थीं। अब उनके पास मेसेज आया है कि रिपोर्ट निगेटिव है। इसमें सैंपल की डेट 23 अप्रैल, रिपोर्ट आने की डेट 24 अप्रैल, लैब का नाम केजीएमयू और केस आईडी एलयूसी 005633 लिखी है। अनुराधा का कहना है कि उन्होंने अभी तक न जांच कराई है और न केजीएमयू गई हैं।
Reports की माने तो एसे एक दो नहीं कई सारे मामले सामने आए है।
जांच के नाम पर बड़े घपले की आशंका है
लखनऊ में फ्लाइट से आ रहे लोगों की कोरोना जांच हुए बिना ही उन्हें ढाई से तीन माह बाद ‘रिपोर्ट निगेटिव’ के मैसेज भेजे जा रहे हैं। इसमें लैब के नाम सहित जांच की तिथि भी दर्शाई जा रही है। मोबाइल पर मिल रहे इन संदेशों ने जांच की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच के नाम पर बड़े घपले की आशंका है।
पता कराएंगे, कहां पर गड़बड़ी
स्थानीय स्तर पर ऐसी किसी एजेंसी को जिम्मेदारी नहीं दी गई है। दूसरे, तीसरे दिन मैसेज आने के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन बिना जांच कराने वालों को इतनी देर से मैसेज मिलने के बारे में जानकारी नहीं है। पता कराया जाएगा कि कहां से चूक हो रही है। - डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ लखनऊ
लैब नहीं भेजती ऐसे मैसेज
इस तरह का कोई भी मैसेज लैब की ओर से नहीं भेजा जाता है। हम लोग जांच संबंधी डाटा स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्धारित वेबसाइट पर अपडेट करते हैं। मैसेज के बारे में कोई जानकारी नहीं है। - डॉ. अमिता जैन, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी, केजीएमयूNews Source - Amar Ujala
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