बीमारी छुपाते है लखनऊ वाले - The Lucknow Express
कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए लखनऊ प्रशशन द्वारा 05 से 16 जुलाई तक घर-घर स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया गया था। मकसद, कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान कर समय से अस्पताल में शिफ्ट कर वायरस के प्रसार को थामना था। स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान में क़रीब 12 लाख घरों में दस्तक दी, और क़रीब 34 लाख लोगों का data घर-घर स्क्रीनिंग अभियान के दौरान एकत्र किया, परंतु इस दौरान ज़्यादातर मरीज गुम हो गए।
लाखों की आबादी में सिर्फ़ ढाई हजार के आस-पास ही रोगी पाए गए
स्क्रीनिंग अभियान के नोडल ऑफिसर डॉ.एमके सिंह के मुताबिक, कुछ जगहों टीम ने सहयोग न मिलने की शिकायत की थी। तो कुछ जगह लोगों ने घर के दरवाज़े तक नहीं खोले और ज़्यादातर लोगों ने घर पहुंची टीम को स्वास्थ्य संबंधी ब्योरा देने में आनाकानी की। कुछ लोगों के सहियोग से आख़िर बीमार लोगों को identify किया गया।
Image Credit - Dainik Jagran |
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आपको बता दे की इस अभियान के लिए कुल 2200 टीमें बनाई गई थी। परंतु लाखों की आबादी वाले लखनऊ शहर में सिर्फ़ मरीज़ मिलने से पूरा अभियान और टीमों की मेहनत ख़राब होते दिख रही है क्यूँकि experts का मनना है कि इस मौसम में इतने कम बीमार मरीज़ नहीं हो सकते, ये संख्या कई हज़ारों में होनी चाहिए थी।
News Source - Dainik Jagaran
Pehle hospitals to sahi kar lo ..phir janta ke bare mein bolo ....admit nahi ho pa rahe hain beemar log
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