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तैयारी पूरी, चार लाख लोगों को रोजगार मिलना तय

तैयारी पूरी, चार लाख लोगों को रोजगार मिलना तय


उत्तर प्रदेश सरकार ने नई परिस्थितियों में नए अवसर पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति 2020 लाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसमें अगले 5 वर्ष में 40 हजार करोड़ रुपये निवेश और 4 लाख लोगों को रोजगार के देने की योजना है।

सरकार ने पहली बार इस सेक्टर को अतिरिक्त सहूलियत उपलब्ध कराने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन निदेशालय स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसमें मिशन निदेशक, उप निदेशक तथा वित्त व प्रशासन विभाग के अतिरिक्त कंसल्टेंट व अन्य स्टाफ होंगे।

यह निदेशालय आवश्यकतानुसार घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इवेंट, कार्यशाला, कॉन्फ्रेंस का आयोजन व उनमें प्रतिभागिता करने के साथ-साथ प्रचार प्रसार व प्रोत्साहन का काम करेगा। नीतियों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी इसी निदेशालय की होगी।

बुंदेलखंड में रक्षा और लखनऊ-कानपुर के बीच मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनेगा
नीति में बुंदेलखंड में रक्षा इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर व लखनऊ-उन्नाव-कानपुर जोन में एक मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने ईएसडीएम उद्योग में अनुसंधान, नवाचार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना का फैसला किया है।

इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) व ईएसडीएम पार्क की एसपीवी तथा एकल ईएसडीएम इकाइयों को मध्यांचल था पश्चिमांचल क्षेत्र में सरकारी अभिकरणों से खरीदी जाने वाली भूमि पर प्रचलित सर्किल रेट से 25% छूट मिलेगी। बुंदेलखंड व पूर्वांचल क्षेत्र में 50% छूट दी जाएगी।

फैक्टरी श्रमिकों के लिए डॉरमेट्री बनाने को मिलेगी मंजूरी




प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी से चीन से अपने निवेश हटाकर दूसरे देशों में निवेश को तैयार कंपनियों को आकर्षित करने व श्रमिकों के पलायन को ध्यान में रखते हुए नई नीति तैयार की है। यह नीति शासनादेश जारी होने की तिथि से 5 वर्षों के लिए होगी।
नौ राज्यों की इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीतियों का अध्ययन कर नई नीति का मसौदा तैयार किया गया है। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी दिलाने की तैयारी है। प्रस्तावित नीति में 24 घंटे, सातों दिन फैक्टरी संचालन और तीनों पालियों में महिलाओं को रोजगार देने का प्रस्ताव है।
राज्य के कर्मचारियों को अवसर देने पर इकाइयों को उनके ईपीएफ, ईएसआई व प्रशिक्षण लागत की प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव किया गया है। नई नीति के क्रियान्वयन पर 5 वर्ष में निवेश के लक्ष्य का 10 प्रतिशत यानी लगभग 4000 करोड़ रुपये वित्तीय भार आने का अनुमान है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मिशन निदेशालय बनेगा

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में स्वयं अथवा पीपीपी मॉडल पर श्रमिकों के निवास के लिए किराए की डॉरमेट्री के विकास को प्रोत्साहन देगी। निवेशक स्वयं अथवा पीपीपी मॉडल पर रेंटल सुविधाओं के विकास में प्रोत्साहन पा सकेंगे। निजी क्षेत्र को भी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाइयों के लिए डॉरमेट्री तथा प्लग एंड प्ले मॉडल पर सुविधाओं का निर्माण कर उन्हें किराए पर देने की अनुमति दी जाएगी।




इस तरह निवेश पर प्रोत्साहन देने की तैयारी  

- 200 करोड़ तक के निवेश पर 15 करोड़ की अधिकतम सीमा सहित 15% पूंजी सहायता।
- 200 करोड़ से 1000 करोड़ के बीच निवेश पर 150 करोड़ की अधिकतम सीमा सहित 15% पूंजी सहायता।
- 1000 करोड़ से अधिक निवेश पर 10% की दर से अतिरिक्त पूंजी मदद। अधिकतम 100 करोड़ दिए जाएंगे।
- बैंकों व वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर (ब्याज की दर पर) 5% प्रतिवर्ष की प्रतिपूर्ति 7 वर्ष के लिए। यह अधिकतम 7 करोड़ रुपए प्रति इकाई होगी।
- एकल ईएसडीएम इकाइयों की स्थापना के लिए जमीन खरीदने पर या पट्टे पर लेने पर स्टांप शुल्क में शत-प्रतिशत छूट मिलेगी।
- ईएमसी/ ईएसडीएम पार्क की स्थापना के लिए भूमि खरीदने या पट्टे पर लेने पर भी स्टांप शुल्क में 100% छूट मिलेगी।

मेगा परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन
- 1000 करोड़ से अधिक निवेश तथा न्यूनतम 3000 व्यक्तियों को रोजगार देने वाली ईएसडीएम इकाइयों को कई अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेंगे।
- स्थिर पूंजी पर 10% की दर से अधिकतम 100 करोड़ तक अतिरिक्त पूंजी सहायता। यह 5 वर्ष में मिलेगी।
- पूंजी निवेश के 5% तक प्रशिक्षण लागत की प्रतिपूर्ति की जाएगी, इसकी अधिकतम सीमा 25 करोड़ प्रति इकाई होगी।
- समस्त ईएसडीएम इकाइयों को 50 लाख रुपये प्रतिवर्ष की सीमा तक अधिकतम 5 वर्ष तक ईपीएफ व ईएसआई की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति।
तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की होगी स्थापना

प्रदेश सरकार ने ईएसडीएम उद्योग में अनुसंधान, नवाचार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की स्थापना का फैसला किया है। उत्कृष्टता केंद्रों में विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप किया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस की कुल परियोजना लागत का 25% प्रदेश सरकार वहन करेगी। बाकी 75% का योगदान केंद्र सरकार व उद्योग संघों द्वारा मिलकर किया जाएगा।

25 एकड में बनेगा ईएसडीएम पार्क
प्रदेश में राजकीय व निजी संस्थानों के सहयोग से इलेक्ट्रानिक सिस्टम डिजाइन मैन्युफैक्चरिंग  पार्क (ईएसडीएम) की स्थापना की योजना है। घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशकों के लिए ऐसे पार्क को बढ़ावा दिया जाएगा। इस तरह के पार्क के लिए न्यूनतम 25 एकड़ भूखंड की जरूरत होगी।






Source - Amar Ujala 

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