खर्च कर चुकी हैं पांच लाख रुपये
चेहरे पर मास्क, शरीर में बुर्का और पीठ पर लदी भारी सैनिटाइजिंग मशीन।
इस तरह की एक युवती आपको उत्तर प्रदेश की राजधनी लखनऊ के पुराने इलाकों में सैनिटेशन करते हुए नजर आ सकती हैं।
यह हैं 29 साल की सैयद उज्मा प्रवीण। उज्मा रोज सुबह अपने घर से पुराने लखनऊ की तंग गलियों में सैनिटेशन करने निकलती हैं।
यह मंदिर हो या मस्जिद वहां भी जाकर सैनिटेशन करती हैं।
सहादतगंज की रहने वाली उज्मा ने बताया कि नगर निगम ने सैनिटेशन के काम में लापरवाही की तो उन्होंने खुद इस काम का बीड़ा उठाया।
ढाई और चार साल के दो बच्चों की मां उज्मा ने बताया कि वह सहादतगंज, ठाकुरगंज, यहियागंज, चौक मार्केट, बालागंज, अमीनाबाद इलाकों की गलियों में रोज सैनिटेशन करती हैं। यह काम वह 26 अप्रैल से कर रही हैं।
खर्च कर चुकी हैं पांच लाख रुपये
उज्मा ने बताया कि लोगों को खाना बांटने और सैनिटेशन के काम में वह अब तक पांच लाख रुपये खर्च कर चुकी हैं।उन्होंने लॉकडाउन के बाद लोगों को खाना, राशन, चप्पलें और जरूरत के सामान बांटे।
उज्मा ने बताया, 'मैंने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए दो लाख रुपये रखे थे वह निकाल लिए। इसके अलावा अपने सेविंग किए हुए तीन लाख रुपये भी नेक काम में खर्च कर दिए।'
आप बहुत नेक काम कर रही हैं । अल्लाह आपको सलामत रखे।
ReplyDeleteFuture investment hai acchi baat hai
ReplyDeleteऐसे लोग न हिन्दू होते हैं न मुसलमान ए केवल भारतीय इंसान होते इन्हीं के कारण आज समाज ज़िन्दा है क्या हिन्दू,मुस्लिम,बनिए,पंडित, ठाकुर आदि लोगों के पास पैसे नहीं है पर वह खुद के लिए है इंसानियत के लिए नहीं क्योंकि वे भारतीय इंसान नहीं है।
ReplyDeleteDoing well 👍 uzma
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