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प्रवासी मजदूरों के लिए घर लौटना किसी जंग जीतने से कम नहीं

प्रवासी मजदूरों के लिए घर लौटना किसी जंग जीतने से कम नहीं


लखनऊ. कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन ने जो दुख श्रमिकों व कामगारों को दिया वैसा दुख शायद ही किसी को मिला हो। पैदल, साइकिल, बसों, टैंकरों के माध्यम से सफर कर रहे श्रमिकों की तमाम तस्वीरें इन दिनों सामने आ रही हैं। कुछ अपने घर पहुंच पा रहे हैं, तो कुछ लोगों का बीच रास्ते ही दम निकल रहा है। इस बीच सरकार ने तमाम श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया, जिससे अब तक प्रदेश में 20.17 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिक आ भी चुके हैं, लेकिन कईयों के लिए ट्रेनों से सफर उनका आखिरी सफर साबित हुआ। मुख्य कारण जो भी रहा हो, लेकिन ट्रेनों का विलंब से चलना, खाने-पीने की पर्याप्त व्यवस्था न होना और भीषण गर्मी जैसी वजहों को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। लॉकडाउन में कई प्रवासी मजदूरों के लिए घर लौटना किसी जंग जीतने से कम नहीं रहा। दुर्भाग्यवश बीते कुछ दिनों में कई मजदूर इन श्रमिक ट्रेनों में सफर करते हुए ही यह जंग हार गए।


9 मई-लखनऊ- गुजरात के भावनगर से बस्ती जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में नौ नई उस दहाल फैल गयी जब एक साथी श्रमिक की अचानक मौत हो गयी। अमौसी रेलवे स्टेशन पर अनेकों ने इसकी सूचना रेलवे को दी जिसके बाद चारबाग रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया और युवक के शव को ट्रेन से उतारा गया।

24 मई- कानपुर- रविवार को एक नहीं बल्कि पांच शव श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से उतारे गए। इनमें दो महिलाओं भी शामिल थीं। सभी लोग अलग-अलग ट्रेनों से यात्रा कर रहे थे। अलग-अलग ट्रेनों में मौत के बाद एक शव कानपुर में, तीन उन्नाव में व एक शव चिरगांव स्टेशन पर उतारा गया। कोरोना जांच निगेटिव आने के बाद शवों को सरकारी खर्चे पर भिजवाया गया।

25 मई- प्रयागराज- अहमदाबाद से पटना जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सोमवार की रात एक यात्री की मौत हो गई। मृतक के साथ उसकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे भी ट्रेन में सवार थे। बताया जा रहा है कि प्रयागराज जंक्शन के पहले ही यात्री की तबीयत बिगड़ने लगी थी। रात में जब ट्रेन जंक्शन पर प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंची, तो केंद्रीय चिकित्सालय की एक महिला चिकित्सक ने मरीज को जांत की और उसे मृत घोषित कर दिया।


25 मई- कानपुर- मुंबई से बिहार जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में अचानक हालत बिगड़ने से आठ माह के मासूम की मौत हो गई और उसे गोद में लिये मां दुलारती रही। परिवार मुंबई से सीतामढ़ी बिहार जा रहा था, लेकिन रास्ते में अचानक मासूम की तबीयत बिगड़ गई, उसे उल्टी-दस्त होने लगे। आगरा में बच्चे को दवा देकर ट्रेन रवाना की गई, लेकिन कानपुर पहुंचते-पहुंचते बच्चे ने मां की गोद में दम तोड़ दिया।

27 मई- वाराणसी- श्रमिक स्पेशल ट्रेन में यात्रा कर रहे दो यात्री बुधवार सुबह मृत पाए मिले। ट्रेन मुंबई से चलकर वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी। सभी यात्री ट्रेन से उतर चुके थे और ट्रेन को साफ-सफाई के लिए यार्ड में भेज दिया गया था। इसी दौरान रेलवे के कर्मचारियों द्वारा इन शवों को बरामद किया गया। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।


27 मई - बलिया - जिले में सूरत से हाजीपुर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हो गयी। रात में बलिया रेलवे स्टेशन पर उसका शव उतारा गया। मृतक अभिनव कुमार (50) बिहार का बताया जा रहा है। लेकिन घर का पता नहीं चल पाया।

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