जानिए कौन से है ये उद्योग
Friday, 17 April 2020
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लॉकडाउन में 20 अप्रैल से उद्योगों को संचालन के लिए दी जाने वाली छूट को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रूपरेखा बना ली है। सतत प्रक्रिया उद्योग की श्रेणी में 11 प्रकार के उद्योगों को रखा गया है। इन्हें चलाने के संबंध में गाइडलाइन सहित शासनादेश गुरुवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जारी कर दिया।मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शासनादेश में कहा है कि उद्योगों को संचालन की छूट को लेकर भ्रम की स्थिति है। अलग-अलग अनुमति मांगी जा रही है, जबकि 20 अप्रैल से यह छूट सिर्फ सतत प्रक्रिया उद्योगों को ही दी जानी है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस श्रेणी में आने वाले उद्योगों को अलग से किसी भी प्रकार की अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इनके उत्पाद के परिवहन और अनुरक्षण की भी छूट रहेगी। यह भी साफ किया है कि यह छूट औद्योगिक इकाइयों को सशर्त चलाने की तो होगी लेकिन, उनके प्रशासनिक और प्रधान कार्यालय बंद रखे जाएंगे।
मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जारी की रूपरेखा 20 अप्रैल से यूपी में चल सकेंगे 11 तरह के उद्योग पर शर्तों के साथ
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इन उद्योगों को अनुमति
1.) स्टील,
2.) रिफाइनरी,
3.) सीमेंट,
4.) रसायन,
5.) उर्वरक,
6.) वस्त्र (परिधान छोड़कर),
7.) फाउंड्री,
8.) पेपर,
9.) टायर,
10.) कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट और
11.) चीनी मिलें।
इन शर्तों का करना होगा पालन
प्रथम चरण में न्यूनतम आवश्यक श्रमिकों के साथ संचालन होगा। श्रमिकों की संख्या पचास फीसद से अधिक न हो।
हॉटस्पॉट या सैनिटाइजेशन और स्क्रीनिंग वाले क्षेत्रों में इन इकाइयों के कर्मियों और वाहनों को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी।
औद्योगिक परिसर को भी राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सैनिटाइज कराना होगा।
कार्यस्थल पर आने वाले सभी श्रमिकों, कार्मिकों की संख्या के अनुसार स्क्रीनिंग के लिए इन्फ्रारेड थर्मोमीटर और थर्मल स्कैनर हो।
सभी श्रमिकों के लिए मास्क, सैनिटाइजर, हाथ धोने के लिए साबुन-पानी हो, शारीरिक दूरी का भी पालन करना होगा।
किसी भी श्रमिक या कर्मी को कोविड-19 के लक्षण दिखाई देने पर जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को सूचना देनी होगी।
इकाई शुरू करने से पहले न्यूनतम पांच और अधिकतम दस कर्मचारियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट रैंडम आधार पर कराना होगा।
आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के प्राविधानों का पालन करना होगा।
यथासंभव श्रमिकों के रहने-खाने आदि की व्यवस्था औद्योगिक परिसर में ही की जाए।
जिन व्यक्तियों को कार्यस्थल और घर आना-जाना है, उनके लिए पास प्राप्त करने की पहले की प्रक्रिया ही लागू रहेगी।
श्रमिकों को लाना-ले जाना हो तो पूल वाहन की व्यवस्था अपनानी होगी। शारीरिक दूरी बनी रहे, इसलिए एक वाहन में क्षमता से पचास फीसद सवार ही होने चाहिए।
उपयोग में लाया जाने वाला हर वाहन भी सैनिटाइज करना होगा।
संबंधित जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराएंगे।
इकाइयां यदि मानक और सावधानी का पालन नहीं करेंगी तो उन्हें बंद करा दिया जाएगा।