शादी को लेके लड़कियां डरती हैं : मुम्बई कोर्ट
Sunday, 25 August 2019
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मुंबई की एक अदालत ने कहा कि देश में शादी को लेकर लड़कियों के मन में डर है। अदालत ने टिप्पणी कि "यह भारतीय समाज का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है कि लड़कियां अब भी डरती हैं कि जब तक वे शादी नहीं करेंगी तब तक उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलेगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच सी शिंदे ने 51 वर्षीय व्यक्ति को 2007 में एक महिला का दुष्कर्म के जुर्म में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए हाल में ये टिप्पणियां कीं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने महिला परसे बुरी शक्तियों का असर खत्म करने के लिए कुछ रिवाजों की आड़ में उसके साथ दुष्कर्म किया। न्यायाधीश ने कहा कि यह हमारे भारतीय समाज का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है कि लड़कियां अब भी इस डर में जी रही हैं कि जब तक शादी नहीं करेंगी तब तक उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलेगा।जब तक बेटा नहीं होगा तब तक उन्हें शादी के बाद आदर नहीं मिलेगा। उन्हें तब ही समाज में सम्मान मिलेगा जब उनकी शादी बरकरार रहेगी, उन्हें सम्मान मिलेगा अगर वे अपने पति से पहले मर जाएंगी। अदालत ने कहा कि इस डरके चलते वे आरोपी जैसे व्यक्तियों द्वारा किए झूठे वादों और उन्हें दिखाए झूठे सपनों के जाल में फंस जाती हैं। मनोज जानी कांदिवली उपनगर में मैरिज ब्यूरो चलाता था जहां 31 वर्षीय पीड़िता 2007 में टेलीफोन ऑपरेटरकी नौकरी करती थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने महिला परसे बुरी शक्तियों का असर खत्म करने के लिए कुछ रिवाजों की आड़ में उसके साथ दुष्कर्म किया। न्यायाधीश ने कहा कि यह हमारे भारतीय समाज का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू है कि लड़कियां अब भी इस डर में जी रही हैं कि जब तक शादी नहीं करेंगी तब तक उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिलेगा।जब तक बेटा नहीं होगा तब तक उन्हें शादी के बाद आदर नहीं मिलेगा। उन्हें तब ही समाज में सम्मान मिलेगा जब उनकी शादी बरकरार रहेगी, उन्हें सम्मान मिलेगा अगर वे अपने पति से पहले मर जाएंगी। अदालत ने कहा कि इस डरके चलते वे आरोपी जैसे व्यक्तियों द्वारा किए झूठे वादों और उन्हें दिखाए झूठे सपनों के जाल में फंस जाती हैं। मनोज जानी कांदिवली उपनगर में मैरिज ब्यूरो चलाता था जहां 31 वर्षीय पीड़िता 2007 में टेलीफोन ऑपरेटरकी नौकरी करती थी।